अब इस मनुष्य का क्या करें?



 हेलो दोस्तों कैसे हो आप उम्मीद करता हु अच्छे ही होंगे आज यह आर्टिकल मनुष्य के बारे में है | हमारे जीवन में या यू कहे हमारे सामाज में कई तरहं के व्यक्ति होते है विभिन्न शहर में विभिन्न तरह के लोग रहते है इनमे कुछ शांत स्वाब के होते है तो कुछ गुसेल होते है | मनुष्य अपना सारा काम अपने आप कर सकता है उसे दुसरो पर निर्भर रहने की कोई आवश्यकता नहीं है परन्तु फिर भी वह दुसरो पर निर्भर रहता है स्वम् प्रयास नहीं करता | जीवन में लक्ष्य पाने के लिए हमें स्वम् प्रयास करना पड़ेगा 

          यदि हम कलयुग से पहले की बात करे तो उस समय मनुष्य एक दुसरे की सहायता करते थे वे अपना सारा धन बाँट कर खाते थे निर्धन की सहायता करते थे दुसरो के दुख को अपना समजते थे और सदा कुशल रहते थे परन्तु आज मनुष्य  अपने हित के बारे में सोचता है वह अपना धन इकठ्ठा करना चाहता है इसी के कारण इसे आर्थिक युग कहा जाता है पहले के लोग आपस मिल जुल कर रहते थे आज का युग मे लोग एक दूसरे से मारा पीटी करते है ऐसा करना गलत है

         वैसे तो मनुष्य सभी जीवो से बहुत अच्छा है एक मनुष्य मे सभी तरह के गुण पाए जाते मनुष्य चाहे तो कुछ भी कर सकता है अपने समाज को सुधारना मनुष्य का कर्तव्य बनता है

   वैसे तो मानव आज दिनों दिन तरक्की कर रहा है मानव नये नये अविष्कार कारना अपना धर्म मानता है धरती से लेकर चाँद तक मानव का ही राज चल रहा है वसे देखा जाये तो मनुष्य और मानव मे अंतर है हमें मनुष्य नहीं मानव चाहिए जो परिवार को एकत्रित कर रखे व अच्छे बुरे का ज्ञान दे नये अवसर प्राप्त करें और सामाज  को सुधारे। सभी के साथ मेल जोल बनाकर रखे

लेखक :- अमन अग्रवाल

भाषा  :- हिंदी 













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