मानसून की बरसात का आनंद (enjoy monsoon rain)
मानसून
आज कल के दिन माँनसून के दिन हे ।कभी धुप खिली रहती है और कभी अचानक ही बरसात होने लगती है ।इस मौसम को देख कर मुझे अपने बचपन की याद आने लगती है ।जब मैं अपने मित्रों के साथ बरसात में खेलती थी , कागज़ की नाव बनाकर हम सड़क पर इकट्ठे हुए पानी में चलाया करते थे ।वे दिन हर व्यक्ति के जीवन के अविस्मरणीय क्षण होते हैं,जिन्हें कोई भी व्यक्ति बड़ा हो जाने के बाद हमेशा याद किया करता है । आज मुझे भी मेरा बचपन याद आ गया जब अचानक बरसात होने लगी ।मै अपने घर पर बैठी हुई थी ,अचानक मिट्टी की खुशबु आने लगी मेने बाहर जाकर देखा तो बरसात आ रही थी ।बरसात की बुँदे इस तरह से गिर रही थी मानो जैसे किसी तस्वीर में रंग भर रही हो ,जैसे आकाश से मोती गिर रहे हों ।पेड़ पौधे बरसात में हवा के साथ इस तरह से झूम रहे थे मनो जैसे कोई उत्सव मना रहे हों ।
बच्चे सड़क पर इकट्ठे हुए पानी में खेल रहे थे ,साईकिल चला रहे थे ,अपनी मस्ती में खुश होकर झूम रहे थे ।
इस दृश्य को देखकर मुझे मेरे बचपन की एक घटना याद आयी ।सुबह के 7 :३० हुए थे ,मौसम सुहाना था ।रात को बरसात हुई थी ,सड़के गीली थी ,कुछ जगह पानी भरा हुआ था ,कही मिट्टी पड़ी थी तो वहा कीचड़ हो रहा था ।मेरा स्कूल जाने का वक्त हो गया था ,और मेरा स्कूल पास ही में कुछ दुरी पर ही था ।मै स्कूल यूनिफार्म में बेग अपनी पीठ पर लटकाये हुए घर से निकली और कुछ दुरी पर कीचड़ में मेरा पैर फिसल गया और मै गिर गयी ।मेरी स्कूल यूनिफार्म जो सफेद और नीली रंग की थी पूरी तरह से खराब हो गयी और मै घर वापस आ गयी तब मेने माँ को आवाज लगाई और माँ ने कहा आज वापस कैसे आ गयी इतनी जल्दी ,और माँ ने मेरे पास आकर देखा तो मेरे कपड़ो को देखकर वे समज गयी थी की मै आज गिर गयी मेने फिर जल्दी से स्कूल यूनिफार्म बदली और फिर माँ मुझे स्कूल छोड़कर आयी ,क्योकि मै लेट हो गयी थी ।
ये बात आज भी जब मुझे याद आती है मै अपनी हसीं को रोक ही नहीं पाती । सभी के जीवन में कुछ ऐसी घटनाये होती है जो हमेशा याद आते ही हसाने लगती है ।
आज फिर बरसात जब रुकी तब मेरी मित्र मेरे घर आयी और उसने भी अपने बचपन की यादों को ताज़ा किया ।फिर मेरे सभी मित्र जिनके साथ मै बचपन में खेला करती थी वे सभी मेरे घर पर एकत्रित हुए और हम सबने मिलकर पकौडियो का आनंद लिया ही था कि बरसात फिर शुरू हो गयी और फिर हम सभी हमारे घर की छत पर बरसात में नहाने के लिए चले गए और खूब मस्ती की।।एक दूसरे के ऊपर पानी डाल डालकर खूब खेले ।और फिर कुछ देर बाद वे सभी अपने घर वापस चले गए । मै भी निचे आकर नहा ली और फिर घर पर सभी बैठे हुए थे सभी के साथ टीवी देखने लगी ।टीवी में दिखाया गया की कुछ क्षेत्रों में बरसात से बहुत फायदा हुआ है तथा कुछ क्षेत्रों में बरसात से बहुत नुक्सान हुआ ।जिन क्षेत्रों में पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है वहां तो इतनी वर्षा हुई थी कि बाढ़ कि स्थिति उत्पन्न हो गयी थी और कुछ क्षेत्रों में जहा बरसात कि आवश्यकता थी वाहा बरसात बिलकुल भी नहीं हुई ।
इस बात ने मुझे सोचने पर विवश कर दिया कि ईश्वर कि आराधना का हमारे जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है । ये सब ईश्वर कि ही दया से है कि कहि पर अधिक वर्षा तो कहि पर कम !
बरसात से हमारे जीवन कि समृद्धि निर्भर करती है ।यदि बरसात न हो तो हमे खाने के लिए अनाज उपलब्ध नहीं होगा और न ही धरती में पिने योग्य पानी बचेगा ।परन्तु अत्यधिक वर्षा भी हमारे लिए हानिकारक हो सकती है ,अधिक बसात फसल को फायदा करने कि जगह उसे बर्बाद करने में सहायक होती है ।
आज का अनुभव मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव था ।सभी लोग अपने घरो में बैठकर इस बरसात का आनंद ले रहे थे ।।सभी पकोडिया बना रहे थे और सभी के घरो से हसीं मज़ाक करने कि आवाज़ आ रही थी ।इसी बीच मेने देखा के एक गाय इस बरसात में भीग रही थी वह इधर से उधर कोई जगह ढूंढ रही थी कि अचानक वह एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गयी ,और ये दृश्य मुझे एक बात सीखा गयी कि पेड़ भी हमारे जीवन को अनेक कठिनाइयों से बचाते है ।वे हमे गर्मी में अपनी छाया से ठंडक प्रदान करते है और हमे अनेक प्रकार के फूल ,फल ,सब्जिया ,और भी बहुत कुछ देते है ।प्रकृति की दी हुई प्रत्येक वस्तु के लिए हमे भगवान का धन्यवाद करने चाहिए । आज की बरसात अनेक संदेश दे गयी और बहुत अच्छा समय जो मेने अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ बिताया ,मै इस समय के लिए ईश्वर को धन्यवाद देती हूँ ॥
आशा करती हूँ मेरे जीवन का अनुभव पढ़ कर आपको अच्छा लगा होगा ॥
k
.aggarwal
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